श्रीकांत बोल्ला कौन हैं | Srikanth Bolla Biography in Hindi (Jivani)

Aman Shukla
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 श्रीकांत बोल्ला की जीवनी, उम्र, आविष्कार, (Srikanth Bolla biography in Hindi, Education, Age, Wife, Company) 

Srikanth Bolla Biography: नमस्कार दोस्तों! संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुसार इस दुनिया में हर रोज़ लगभग 3,85,000 बच्चे पैदा होते हैं अगर मिनट के हिसाब से देखें तो लगभग 267 बच्चे प्रति मिनट पूरी दुनिया में पैदा होते हैं। इन बच्चों में कुछ ऐसे भी होते हैं जिनको जन्म से ही शारीरिक विकृति होती है, कई लोग इसे कमजोरी समझते हैं और हार मान लेते हैं तो वहीं कुछ लोग इस शारीरिक विकृति को अपनी मजबूती बनाते हैं और अपने जीवन में सफलता की ऊँची उड़ान भरते हैं। आज हम जिस शख्सियत की बात कर रहे हैं उनका नाम श्रीकांत बोल्ला है। जन्म से ही अँधे श्रीकांत बोल्ला ने अपने जीवन में कुछ ऐसे कारनामे किये हैं जिससे पूरी दुनिया आज उनका लोहा मान रही है उन्होंने साबित कर दिया है कि इंसान चाहे तो उसके हौसलों के आगे उसकी शारीरिक विकृतियाँ उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकती। 


Industrialist Srikanth Bolla Biography in Hindi
Srikanth Bolla




आज के इस लेख में आपको श्रीकांत बोल्ला के बारे में संपूर्ण जानकारी दी गई है। श्रीकांत बोल्ला का जीवन परिचय, शिक्षा, उम्र, पत्नी, कम्पनी, पुरस्कार (Srikanth Bolla Bio, Education, Age, Wife, Company) आदि सारी जानकारी इस लेख में दी गई है। तो चलिए जानते हैं कि कैसे जन्म से अंधा एक व्यक्ति आज 150 करोड़ की कम्पनी का मालिक है। 



    Srikanth Bolla Biography  (जीवन परिचय) 



    पूरा नाम

    श्रीकांत बोल्ला

    पेशा

    उद्योगपति

    जन्म तिथि

    7 जुलाई, 1991

    जन्म स्थान

    सीतारामपुरम, मछलीपटनम, आंध्र प्रदेश

    पिता का नाम

    NA

    माता का नाम

    NA

    पत्नी

    वीरा स्वाति

    उम्र

    32 साल

    शिक्षा

    MIT, USA

    राष्ट्रीयता

    भारतीय

    कुल संपत्ति ( Networth) 

    150 करोड़ रुपये

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    श्रीकांत बोल्ला जन्म और परिवार


    श्रीकांत बोल्ला का जन्म 7 जुलाई 1991 को आंध्र प्रदेश राज्य मछलीपट्टनम जिले के सीतारामपुरम गांव में हुआ था श्रीकांत बोलना जन्म से ही नेत्रहीन हैं जब इनका जन्म हुआ था तो उनके ही गांव के कुछ लोगों ने उनके माता-पिता को यह सुझाव दिया था कि उन्हें इस बच्चे को नहीं पालना चाहिए क्योंकि यह उनके जीवन का सहारा नहीं बन पायेगा। श्रीकांत बोल्ला का परिवार एक किसान परिवार था, इनके पिता खेती-बाड़ी करके अपने परिवार का पालन पोषण किया करते थे।


    शिक्षा

    धीरे-धीरे श्रीकांत बड़े होने लगे और एक स्कूल में पढ़ने जाने लगे, नेत्रहीन होने के कारण स्कूल के बच्चे इनका मजाक उड़ाते थे और कोई भी इनका दोस्त नहीं बनना चाहता था। श्रीकांत बोल्ला ने अपने हौसलों को कभी टूटने नहीं दिया उन्हें पता था कि आज जो मेरा मजाक उड़ा रहे हैं कल वही लोग मेरी प्रशंसा भी करेंगे। श्रीकांत बोल्ला पढ़ने में बहुत अच्छे थे यही कारण है कि उन्होंने 10वीं कक्षा में टॉप किया था। 


    12वीं में नहीं मिल रहा था एडमिशन

    श्रीकांत बोल्ला 12 वीं के बाद IIT से अपनी आगे की पढ़ाई करना चाहते थे इसीलिए उन्होंने 12 वीं कक्षा में साइंस स्ट्रीम लेना चाहा लेकिन किसी भी स्कूल ने उन्हें साइंस स्ट्रीम में एडमिशन नहीं दिया। जुझारू प्रकृति के होने के कारण श्रीकांत बोल्ला ने इसके खिलाफ एक केस फाइल कर दिया जिसमें उनकी जीत हुई और उन्हें अपने जोखिम पर साइंस स्ट्रीम में एडमिशन मिल गया। उनके पास नेत्र भले ही नहीं थे मगर उन्होंने सपने देखना नहीं छोड़ा और अपने इन्हीं सपनो को पूरा करने के लिए श्रीकांत ने जीतोड़ पढ़ाई की, जिसका परिणाम यह हुआ कि उन्होंने 12 वीं कक्षा में 98% अंक लाकर टॉप किया ।


    कोचिंग संस्थानों में नहीं मिला प्रवेश

    कहते हैं ना कि “जब सिर मुंडवाये तभी ओले पड़ते हैं” ये कहावत श्रीकांत पर सही बैठ रही थी। 12 वीं में 98 फीसदी अंक लाकर श्रीकांत अपने IIT जाने के सपने के बेहद करीब थे लेकिन तभी उनके ऊपर एक और परेशानी आन पड़ी, श्रीकांत को IIT में पढ़ने के लिए किसी भी कोचिंग इंस्टिट्यूट ने एडमिशन नहीं दिया, वे 10 से भी ज्यादा कोचिंग इंस्टिट्यूट के चक्कर लगाते रहे लेकिन उन्हें किसी ने भी एडमिशन नही दिया। 


    अमेरिका के MIT में लिया प्रवेश

    श्रीकांत के अन्दर एक अलग ही जुनून था, IIT जाने का सपना साकार ना होने पर भी उन्होंने हार नहीं मानी और अमेरिका के MIT (Massachusetts Institute of Technology) में एडमिशन लिया, MIT में एडमिशन लेने वाले वे दुनिया के पहले नेत्रहीन व्यक्ति थे। MIT से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें अमेरिका में जॉब के कई ऑफर आये लेकिन उन्होंने उन सभी ऑफर को ठुकरा दिया, उनका मन भारत में अपना व्यवसाय शुरू करने का था।



    श्रीकांत बोल्ला के समाज सुधारक काम

    श्रीकांत बोल्ला साल 2005 से एक युवा नेता के रूप में जाने जाते थे उसके बाद भारत के पूर्व राष्ट्रपति A. P. J. Abdul Kalam के द्वारा शुरू की गई संस्था ‘लीड इंडिया 2020’ के सदस्य बने । श्रीकांत अब्दुल कलाम जी से काफी ज्यादा प्रभावित थे उन्होंने उनसे मुलाकात भी की है। 


    साल 2011 में श्रीकांत ने समन्वय सेंटर के नाम से एक कम्पनी की सह स्थापना की जिसमें एक ब्रेल प्रिंटिंग प्रेस की शुरुआत की जिसके माध्यम से अलग-अलग प्रकार से दिव्यांग बच्चों को शैक्षिक, वित्तीय और आवासीय सेवाएं प्रदान की जाती हैं।


    Shrikanth bolla

    उद्योगपति के रूप में श्रीकांत बोल्ला (Srikanth Bolla) 

    कहते हैं कि इंसान अपने भाग्य का विधाता स्वयं होता है आज किये गए आपके कर्म ही आने वाले समय में आपकी किस्मत बदलते हैं। साल 2012 में श्रीकांत ने बोलेंट इंडस्ट्रीज ( Bollant Industries ) नाम से अपनी कम्पनी शुरू की। इस कम्पनी के माध्यम से कचरे के वेस्ट से इको फ्रेंडली सामान बनाये जाते हैं, इस कम्पनी के माध्यम से श्रीकांत बोल्ला ने सैकड़ों दिव्यांग लोगों को रोजगार दिया । बाद में इस कम्पनी को रतन टाटा की ओर से भी फंडिंग की गई । धीरे धीरे इस कम्पनी की ग्रोथ होने लगी, साल 2018 में Bollant Industries का कुल Turnover 150 करोड़ रुपये का था। अप्रैल 2017 में श्रीकांत को Forbes Magazine के Top 30 Asian की लिस्ट में शामिल किया गया था।


    श्रीकांत बोल्ला व्यक्तिगत जीवन (Srikanth Bolla Personal life) 

    साल 2022 में श्रीकांत बोल्ला ने स्वाति से शादी की थी इनकी एक बेटी भी है। इस महान शख्सियत के ऊपर बॉलीवुड में एक मूवी (Srikanth Bolla Biopic) भी बनी है जो इसी साल 10 मई को रिलीज़ होगी। इस मूवी में श्रीकांत का किरदार मशहूर अभिनेता राजकुमार राव ने निभाया है।


    निष्कर्ष (Conclusion) 

    इस पोस्ट में हमने उद्योगपति श्रीकांत बोल्ला की जीवनी (Shreekant Bolla Biography) के बारे में सारी जानकारी दी है, श्रीकांत नेत्रहीन होते हुए भी उन्होंने इसे अपनी कमजोरी ना समझकर उसे अपनी ताकत बनाया और आज अपने जीवन में एक सही मुकाम हासिल कर लिया। आपको श्रीकांत बोल्ला के जीवन से क्या प्रेरणा मिलती है हमें अपने विचार नीचे कंमेंट करके जरूर बतायें ।



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